Tuesday 10 April 2018

Jagdalpur

Jagdalpur-- जगदलपुर छत्तीसगढ़ का एक मध्यम आकार का शहर है जो जनसंख्या के आधार पर छत्तीसगढ़ में रायपुर के बाद दूसरे नंबर पर आता है यह बस्तर जिले की राजधानी है इस जगह को पहले नक्सल गढ़ भी कहा जाता था क्योंकि आज भी जगदलपुर शहर से 100 किलोमीटर दक्षिण की तरफ जाने पर नक्सलवादियों का गढ़ है जंगल में आज भी उनके बहुत से ठिकाने हैं पुरे जंगल में सीआरपीएफ के बहुत सारे जवान होने के बावजूद युद्ध जैसी स्थिति हमेशा बनी ही रहती है लेकिन इस सब के बावजूद जगदलपुर एक शांत शहर है और यहां का मौसम बहुत ही अच्छा है जो इसे ट्यूरिज्म का एक अच्छा spot बनाता है इस शहर में अगर आप आते हैं तो कुछ जगह है जहां आप अपना समय बिता सकते हैं या  

 भी जा सकते हैं




कुमार पारा चौक की फोटो

चांदनी चौक की एक फोटो

शबरी एंपोरियम में छत्तीसगढ़ की लकड़ी के कला के कुछ फोटो



जगदलपुर शहर में घूमने लायक---

जगदलपुर एयरपोर्ट






शहीद पार्क--

चौपाटी व स्विमिंग पूल--

लुंबिनी गार्डन-- यह गार्डन इस शहर का लवर पॉइंट है लुंबिनी गार्डन जगदलपुर शहर के बाहर बस स्टैंड और हाईवे दोनों तरफ से आने वाली रोड का जो क्रॉस जंक्शन है जो कि रेलवे स्टेशन के पास है वहां से लुंबिनी गांव की तरफ आगे बढ़ते हैं तो रेलवे क्रासिंग के बाद बाय साइड में रोड पर लुंबिनी गार्डन स्थित है रेलवे क्रासिंग से थोड़ा सा ही आगे चलने पर लुंबिनी गार्डन का गेट आ जाता है जहां से आप अंदर जा सकते हैं इसमें 10 रुपए टिकट है अगर रोड पर थोड़ा सा और आगे चले जाएंगे तो लुंबिनी गांव आ जाता है यह गार्डन गेट से अंदर घुसने के बाद शुरू में छूट एरिया में तो गार्डन है जहां आप बैठ सकते हैं परिवार के साथ घूमने आ सकते हैं लेकिन अगर आप रोड से सीधे अंदर चले गए तो उधर जंगल सा प्रतीत होता है क्योंकि अंदर आपको कोई व्यक्ति भी नहीं मिलेगा

राजा का महल-- शहर में संजय मार्केट से दाएं हाथ पर चलने पर जगदलपुर के राजा का महल है यह पुराने जमाने की सफेद कलर की बिल्डिंग है जिसमें आप अंदर जा सकते हैं इसके साथ ही यहां के राजा का एक बंगला संजय मार्केट के बाएं साइड चलने पर कांग्रेस कार्यालय के ठीक सामने भी बना हुआ है

दंतेश्वरी देवी का मंदिर (शहर में)-- यह मंदिर राजा के महल के गेट पर स्थित है इस मंदिर की यह शहर में काफी मान्यता है इसके आसपास चौपाटी जैसा माहौल बना रखा है साथ ही आसपास खाने-पीने का काफी सामान भी मिलता है यह मंदिर दंतेश्वरी माता के दंतेवाड़ा स्थित ओरिजिनल मंदिर से अलग है दंतेश्वरी माता का मुख्य मंदिर तो दंतेवाड़ा में स्थित है

अय्यप्पा टेंपल-- अय्यप्पा टेंपल थाना बोध घाट के पास बोधघाट से चांदनी चौक की तरफ जाने वाली रोड पर चलते हैं तब अंदर कॉलोनी में जाने पर मिलता है इसके लिए आपको आस-पास के लोगों से रास्ता पूछना पड़ेगा यह महाराज दक्षिण भारत के देवता हैं और इस मंदिर की भी काफी मान्यता है जैसा कि आप जानते हैं इस शहर में दक्षिण भारत के काफी लोग रहते हैं इसलिए इस मंदिर पर आने जाने वाले लोगों की संख्या भी अधिक है  मंदिर के अंदर बैठ कर आप शांति का अनुभव आ सकते हैं

जगदलपुर झील---

जगदलपुर शहर के बाहर घूमने लायक---

Danteshwari Temple -- यह मंदिर जगदलपुर से कुछ किलोमीटर दूर दंतेवाड़ा में स्थित है यह दंतेश्वरी देवी का मंदिर है दंतेश्वरी देवी यहां के शासकों की कुलदेवी थी कहा जाता है कि जब सती अपने पिता के हवन कुंड में समा गई तो भगवान शिव ने सब कुछ तहस-नहस कर दिया और सती को अपने कंधे पर लेकर तांडव नृत्य करने लगे भगवान विष्णु ने यह सब देख कर अपने सुदर्शन चक्र से सती के टुकड़े कर दिए जिससे कि भगवान शिव का शोक कम हो जाए उन टुकड़ों में से सती का दांत जहां गिरा था वहां पर दंतेश्वरी शक्तिपीठ स्थापित है

Bastar Palace


Anthropological. museam- यह म्यूजियम धर्मपुरा जाने वाली रोड पर स्थित है जगदलपुर जैसे छोटे शहर में इस तरह का म्यूजियम होना अपने आप में एक बड़ी बात है म्यूजियम बहुत बड़ा नहीं है लेकिन जिस तरह का शहर है उसके हिसाब से यह अच्छा है और इसे देखा जा सकता है

Chitradhara Waterfall-- यह वाटरफॉल धर्मपुरा से chitrakot वाटर फॉल जाने के रास्ते में पढ़ते हैं चित्रकूट जाने से सात-आठ किलोमीटर पहले ही आपको आपको चित्रधारा वाटरफॉल के लिए जाना होगा इसके लिए आप किसी लोकल व्यक्ति से पूछ सकते हैं या गूगल मैप से जानकारी ले सकते हैं लेकिन यह परिवार के साथ जाने में ज्यादा अच्छा नहीं है क्योंकि यहां पर सुरक्षा के नाम पर पुलिस  की व्यवस्था नहीं दिखाई नहीं देती है साथ ही चारों तरफ आवारा लड़कों के ग्रुप घूमते रहते हैं

Dhamapura temple--



Chitrakot waterfall-- यह जगदलपुर से लगभग 40 किलोमीटर दूर स्थित है यह भारत का सबसे बड़ा वाटर फॉल है इसे भारत का नियाग्रा भी कहा जाता है यह इंद्रावती नदी पर स्थित है इंद्रावती नदी का पानी ऊपर से काफी नीचे गिरता है जिसकी वजह से यह वाटरफॉल बनता है बारिश के मौसम में जब पानी अधिक होता है तब यह वाटरफॉल देखने लायक रहता है इसके साथ ही यहां पर आपको यहां आदिवासियों द्वारा बनाए जाने वाले कुछ खिलौने लकड़ी के सामान भी मिल जाएंगे जो आपको और कहीं नहीं मिलेंगे

तीरथगढ वॉटरफॉल-- तीरथगढ़ एक बहुत ही अच्छा टूरिस्ट प्लेस है यह एक वाटरफॉल है जगदलपुर से यहां तक बस से जाया जा सकता है या फिर अपनी खुद की गाड़ी से जाना ज्यादा ठीक है यहां बरसात में पानी बहुत ज्यादा हो जाता है इसलिए बारिश के मौसम में यहां जाना ठीक नहीं है साथ ही इस एरिया में नक्सलियों का थोड़ा सा डर भी है

जगदलपुर के आकर्षण-

कोसा सिल्क साड़ी- जगदलपुर कि यह एक खास चीज है कोसा एक प्रकार का छोटा सा सूखा फल होता है जिससे जगदलपुर में रेशा निकालकर उससे कपड़ा बनाया जाता है इस कपड़े की साड़ी आपको सिर्फ जगदलपुर में ही मिलेगी और कहीं नहीं मिलेगी यह यहां का स्पेशल है


कोसा साड़ी के अलावा कोसा कपड़े से बने हुए अन्य वस्त्र भी मिलते हैं जैसे कोसा का कपड़ा से आप कुर्ता पायजामा लेडीस कुर्ता या फिर शर्ट पैंट आदि कपड़े भी बनवा सकते हैं लेकिन कोसा का कपड़ा बहुत महंगा आता है एक साड़ी की कीमत लगभग 4000 रुपय के आस पास रहती है
कोसा सिल्क खरीदने के लिए यहां पर एक सरकारी दुकान भी है जिसका नाम है आदि शिल्प
आदि शिल्प- यह सरकारी शोरूम है यहां पर सिर्फ कोसा का ही कपड़ा मिलता है यह एयरपोर्ट से शहीद पार्क जाने वाली रोड पर है
इसके अलावा पूरे शहर में कोसा सिल्क की कई दुकानें हैं जहां पर आपको शुद्ध कोसा या फिर मिक्स कोसा के कपड़े मिलते हैं मिक्स कोसा के कपड़े कुछ सस्ते मिल जाते हैं साथ ही उनमें कुछ रंगीन कपड़े भी रहते हैं जबकि   आदि   शिलप पर अधिकांश कपड़े सिर्फ सफेद कलर में या हल्के पीले कलर में ही उपलब्ध है

सागौन की लकड़ी पर कलाकारी-- जगदलपुर के आसपास के जंगलों में सागौन की लकड़ी बहुतायत में पाई जाती है जगदलपुर पूरे शहर में इस लकड़ी पर कलाकारी करने वाले आपको बहुत सारे लोग मिल जाएंगे यह लोग इस लकड़ी पर तरह तरह के देवी देवताओं की मूर्तियां बनाते हैं और विभिन्न प्रकार के डिजाइन भी बनाते हैं सागौन की लकड़ी से बने हुए बेड फर्नीचर कुर्सी मेज आदि भी मिलते हैं लोग यहां से अपने घरों को यह सब फर्नीचर ले जाते हैं लेकिन यह फर्नीचर भी बहुत महंगा मिलता है इसलिए जब भी फर्नीचर लेना हो तो पूरे मार्केट में इसकी रेट सर्च कर लेनी चाहिए और यह भी पता लगाना चाहिए कि वह असली सागौन है कि नहीं

Chitrakot  में मिलने वाले लकड़ी के खिलौने व चाकू - चित्रकूट जगदलपुर से 40 किलोमीटर दूर एक वाटरफॉल है चित्रकूट के आसपास गांव के लोग लकड़ियों से बने बहुत ही अच्छे अच्छे खिलौने बेचते हैं जिनमें से अधिकांश बांस की लकड़ी के बने होते हैं इसके अलावा यह लोग हाथ से बने हुए अलग-अलग डिज़ाइनों के चाकू भी बेचते हैं जो आपको यहां के अलावा और कहीं भी नहीं मिलेंगे

निर्गुंडी का तेल- निर्गुंडी का तेल एक बहुत ही अच्छी आयुर्वेदिक औषधि है जो यहां के जंगलों में पाई जाती है निर्गुंडी का तेल किसी भी प्रकार के हड्डी के दर्द जोड़ों के दर्द घुटने का दर्द अस्थमा और बहुत सी बीमारियों के लिए रामबाण औषधि है यह तेल आपको संजय मार्केट में घुसने से पहले ही बाएं हाथ में एक मंदिर है उसके पास एक संजीवनी मेडिकल स्टोर है उस पर मिल जाएगा इसके अलावा आपको अगर और भी अच्छा शुद्ध सस्ता तेल लेना है तो जगदलपुर से 15 -16 किलोमीटर दूर एक अभयारण्य है जो कि रायपुर जाने वाले रास्ते में पड़ता है वहां आप सोमवार के दिन जाकर आदिवासियों की दुकान से सीधे ही खरीद सकते हैं

अन्य जड़ी बूटियां - जगदलपुर के जंगलों में बहुत सारी जड़ी बूटियां पाई जाती हैं इन्हें आदिवासी खोज खोज कर लाते हैं और यहां की संजय मार्केट में खुले भाव में बेचते हैं जहां से आप एंड शुद्ध जड़ी बूटियों को खरीद सकते हैं साथ ही इन से बनने वाली दवाइयां वन जड़ी बूटियों को आप संजीवनी मेडिकल स्टोर से भी खरीद सकते हैं जो कि संजय मार्केट के पास ही है इन जड़ी बूटियों में अश्वगंधा शतावरी जैसी बहुत सारी उपयोगी जड़ी बूटियां पाई जाती हैं

जंगली सब्जियां- जगदलपुर के आसपास के जंगलों में पाई जाने वाली जंगली सब्जियां आदिवासी रोज संजय मार्केट में बेचने आते हैं यहां से आप इन सब्जियों को खरीद सकते हैं इन सब्जियों के अलग-अलग गुण हैं जो आप यहां पर किसी से पूछ कर पता कर सकते हैं यह सब्जियां आपको आजकल के शहरी वातावरण में मुश्किल से ही कहीं नसीब होंगे

Movi hall in jagdalpur--

Cineplex Bianka mall -- यह इस शहर में स्थित एकमात्र मॉल है बिनाका मॉल में ही सिनेप्लेक्स है जहां पर आप मात्र सो रुपए हैं मूवी देख सकते हैं रविवार का प्रथम शो 9:00 से 12:00 बजे तक 50 रुपए टिकट पर मिलता होता है लेकिन इसके लिए शो देखने वाले कम से कम 10 से 20 आदमी होने चाहिए

Anupam talkies -- यह संजय मार्केट से धरमपुरा रोड जाने पर मिलती है बिनाका मॉल से पीछे ही है बिनाका मॉल से पहले ही पढ़ने वाले चौक का नाम इसी टॉकीज के नाम पर अनुपमा चौक है


New narendra theiter--- यह महारानी हॉस्पिटल वाली रोड पर आगे है यहां भी आप मूवी का आनंद ले सकते हैं



Jhankar  talkies -- इस टॉकीज के बारे में मुझे पता नहीं है जब भी मैं इस टॉकीज को देख लूंगा उसके बाद इसके बारे में आपको बताऊंगा

Hospitals in jagdalpur--

Maharani hospital--. यह हॉस्पिटल इस शहर की जान है यह एक जिला अस्पताल है और जैसा की आप जानते हैं जिला अस्पताल सरकारी होते हैं यह भी एक सरकारी अस्पताल में मेडिकल कॉलेज है इस अस्पताल में आपको काफी अच्छे स्तर तक का इलाज मिलता है अस्पताल काफी बड़ा है इस हॉस्पिटल में कुछ चीजों के थोड़े थोड़े पैसे भी लगते हैं लेकिन गरीबी रेखा से नीचे वाले लोग जिनके पास हेल्थ कार्ड है उनसे शायद इसमें पैसा नहीं दिया जाता यह चांदनी चौक संजय मार्केट के बीच स्थित है चांदनी चौक से स्टार्ट होगा संजय मार्केट से थोड़ा सा पहले तक सिर्फ यह हॉस्पिटल ही है

Bastar seva hospital-

M P M hospital-

Aishwrya physiotherepy-

Abastar hospital--

Vivekananand tribal hospital--



Colleges in jagdalpur--

Bastar university--

Christ college--

Govt. Kaktiya PG College--

Bali ram kashayap college--

Govt. Engineering college--

Principal maharaja parivar chambra college--

Kaushlendra to law college--

Selvam college of technology--


Hotels in jagdalpur --  जगदलपुर में चांदनी चौक के आसपास काफी सारे होटल हैं चांदनी चौक के लेफ्ट साइड में एक बहुत ही अच्छा होटल है देवांश रेसिडेंसी और जब राइट साइड में आप कन्हैया स्वीट्स की तरफ जाएंगे तो 5- 6 होटल काफी अच्छे-अच्छे है इसके अलावा और भी शहर में कई होटल हैं वह आपको सभी रेट में मिल जाएंगे होटल्स का बहुत ज्यादा डिटेल में आपको नहीं दे रहा हूं डिटेल्स मिलते ही मैं आपको ब्लॉक में दूंगा


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