Wednesday 18 April 2018

tourist place india

 tourist place
 
दिल्ली में देखने लायक कई दर्शनीय स्थल हैं जैसे:-
लाल किला
कुतुब मीनार
इंडिया गेट
हुमायूँ का मकबरा
कमल मंदिर
महरौली पुरातत्व पार्क
अक्षरधाम
लोदी गार्डन
जामा मस्जिदगुरुद्वाराचांदनी चौकराष्ट्रपति भवन
Goa tourist places
गोवा पहले पुर्तगालका एक उपनिवेश था। पुर्तगालियों ने गोवा पर लगभग 450 सालों तक शासन किया और दिसंबर 1961 में यह भारतीय प्रशासन को सौंपा गया।
यह देखने  के  लिए कई स्थल हे जैसे:-
बोम चर्च के बेसिलिका
से कैथेड्रल
सलीम अली पक्षी अभयारण्य
किले अगुआड़ा 
नौसेना विमानन संग्रहालय
वायसराय के कट्टर
गोवा कार्निवल
सनबर्न महोत्सव
दूधसागर झरने
बीचेस - गाल्जीबैग समुद्र तट, पर समुद्र तट , होल्लंत  समुद्र तट ,चपोरा समुद्र तट।


Agra---
1. लाल किला
2. यमुना किनारे रामबाग
3. ताज महल
4. मेहताब बाग
5. कीठम झील
6. सिकंदरा और मरियम का मकबरा
7. मनकामेश्वर मंदिर
8. डॉल्फिन पार्क

Sunday 15 April 2018

गर्मी के मौसम में घूमने की जगह

1. ऊटी – तमिलनाडु में स्थित ऊटी भी गर्मियों में घूमने लायक स्थान है। ऊटी में मई के महीने में घूमने के लिए गया था गर्मी में बहुत ही अच्छा प्लेस है जब नीचे टेंपरेचर 40 से ऊपर कर रहा होता है तब भी ऊटी में टेंपरेचर 15 के आसपास रहता है यहां काफी ज्यादा बर्फ गिरती है इसी कारण इसे स्नूटी-ऊटी भी कहा जाता है।
यहां के सुंदर कॉटेज, फेंच्ड फूलों वाले बाग़, फूस की छत वाले चर्च, बोटेनिकल गार्डन इत्यादि घूमने के मुख्य आकर्षण के केंद्र हैं। हरे-भरे प्राकृतिक नजरों से घिरा हुआ ऊटी काफी खूबसूरत लगता है। यहां आपको भारी संख्या में चीड़ के पेड़ देखने को मिलेंगे। इसके अलावा यहां भवानी झील, नीलगिरी माउंटेन रेलवे, सेंचुरी एवेलांचे, एमेराल्ड झील, सेंट स्टीफेन चर्च, गुलाब के बगीचे, पिकारा झील और झरना मुख्य टूरिस्ट पॉइंट है।

2.  कुन्नूर, तमिलनाडु– नीलगिरी पहाड़ियों और समुद्र से 1850 मीटर की ऊंचाई पर स्थित तमिलनाडु का कुन्नूर गर्मियों में घूमने लायक एक बेहतरीन टूरिस्ट डेस्टिनेशन है। एडवेंचर के शौकीन लोगों के लिए तो कुन्नूर काफी आकर्षक जगह है। यहां कुरिनजी फूल पाए जाते हैं और इसी कारण यहां का नाम कुन्नूर पड़ा। कुन्नूर ऊटी के नजदीक है जिसके चारो तरफ घुमावदार पहाड़ियां, चाय-कॉफी के बागान और खूबसूरत नजारे देखने लायक हैं। कुन्नूर से ऊटी तक एक टॉय ट्रेन भी चलती है जिसमें सफर करना पर्यटकों के लिए काफी मजेदार होता है इस ट्रेन के रास्ते में काफी खूबसूरत नजारे देखने को मिलते हैं। कुन्नूर अपने सुहावने मौसम, शानदार व्यू, घूमने लायक जगह और खूबसूरत बागानों के चलते भारत का सबसे पसंदीदा ट्यूरिस्ट स्टेशन में से एक है। हैरीटेज ट्रेन, टाइगर हिल सीमेट्री, ड्रूग फोर्ट भी यहाँ के मुख्य आकर्षण के केंद्र हैं साथ ही यहां आप ट्रेकिंग का भी लुफ्त उठा सकते हैं।

3 . शिलांग, मेघालय – अगर आप गर्मियों में घूमने की प्लानिंग कर रहे हैं तो मेघालय की राजधानी शिलांग एक बेहतर जगह है जो खूबसूरत वादियों से भरपूर है। खासी पहाड़ियों के बीच स्थित शिलांग काफी खूबसूरत और शांत है। यहां की खूबसूरत झीलों का नजारा काफी मन भावक होता है इसके अलावा यहां की खूबसूरत पहाड़ियां, पेड़ और सुहावने मौसम के कारण यह भारत के सबसे खूबसूरत हिल स्टेशन में से एक है और यही कारण है की इसे स्कॉटलैंड ऑफ द ईस्ट भी बोला जाता है। अपने खूबसूरत नजारों और सुहावने मौसम के चलते शिलांग ना सिर्फ नॉर्थ ईस्ट के लोगों के लिए बल्कि पूरे भारत के लोगों के लिए घूमने की सबसे पसंदीदा जगहों में से एक बन गया है। यहां भारत ही नहीं बल्कि विदेश से भी कई टूरिस्ट घूमने आते हैं और यहां कई बेहतरीन जगह हैं जो उनके आकर्षण का केंद्र है।

शिलांग की ऊंची ऊंची चोटियों के बारे में तो यहां तक कहा जाता है कि इन चोटियों पर भगवान का वास है। समुद्र से करीब 1520 मीटर की ऊंचाई पर स्थित शिलांग अपने कई दर्शनीय स्थल के लिए प्रसिद्ध है। शिलांग अपने टूरिस्ट प्लेसेस के अलावा यहां के स्वादिष्ट खाने के लिए भी जाना जाता है। यहां पोर्क और कई अलग अलग तरह की नॉन वेजिटेरियन डिशेस भी लोगों को काफी पसंद आती है। शिलांग में जितने मनोरम नजारे हैं उतना ही शिलांग का वातावरण स्वच्छ भी है। यहां के लंबे लंबे पाइन के पेड़, देवदास के पेड़, पाइनएप्पल की झाड़ियां आदि देखने लायक होती हैं। इसके अलावा यहां एक गोल्फ कोर्स भी है जो एशिया के सबसे बड़े गोल्फ कोर्स में से एक है।

यहां की रहने वाली दारो, खासी और जैंतियां जातियों के अलग-अलग तरह की परम्पराएं देखना भी यहां के आकर्षण का केंद्र होते हैं। शिलांग में घूमने लायक कई जगह हैं जिनमें कई मीटर ऊँचे क्रिनोलिन फॉल्स, गुन्नर फॉल्स, हैप्पी वैली, स्वीट वाटरफॉल इत्यादि शामिल है। इसके अलावा आप यहाँ लेक बोटिंग और फिशिंग का भी लुत्फ़ उठा सकते हैं। इन सबके अलावा उस्मान लेक, पुलिस बाजार, बेडन फॉल्स, डॉन बोस्को म्यूजियम, इगल फॉल्स, लेडी हैदरी पार्क, पीक एलीफेंट फॉल्स, मॉवलिननॉन्ग वॉटरफॉल, ऑल सैंट चर्च, शिलॉन्ग व्यू पॉइंट और बटरफ्लाई म्यूज़ियम भी यहां के मुख्य टूरिस्ट पॉइंट हैं।

4. मुन्नार, केरल – मुन्नार भारत के सबसे सर्वश्रेष्ठ हिल स्टेशनों में से एक है। यहां की खूबसूरत वादियां, विशालकाय चाय के बागान, मसालों की खेती, हाउसबोटिंग इत्यादि मुख्य आकर्षण के केंद्र हैं। यहां कई तरह के पिकनिक स्पॉट्स, खूबसूरत झीलें, वाइल्ड लाइफ रिसोर्ट आदि भी देखने लायक है। समुद्रतल से करीब 6000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है मुन्नार में तीन पहाड़ी नदियों का संगम होता है जो काफी मन भावक है। यहां के शांत वातावरण और आकर्षक व्यू के कारण पर्यटक यहां खिंचे चले आते हैं। इनके अलावा वॉंन्डरला अम्यूसमेंट पार्क, कोची फोर्ट, गणपति मंदिर, जंगल एराविकुलम नेशनल पार्क, टॉप स्टेशन, टी टूर, स्पाइस टूर, नेचर वाक, टी म्यूजियम और दक्षिणी घाट भी यहां के मुख्य टूरिस्ट डेस्टिनेशन पॉइंट है।

5. तवांग – अरुणाचल में स्थित तवांग गर्मियों के मौसम में घूमने लायक बेहतरीन टूरिस्ट डेस्टिनेशन में से एक है। यहां के खूबसूरत वॉटरफॉल, गर्म पानी के सोते, सेला पास, जसवंतगढ़, माधुरी लेक, बुमला पास सहित कई ऐसे पॉइंट हैं जहां गर्मियों के मौसम में घूमना काफी आरामदायक होता है।

6. रानीखेत – उत्तराखंड में स्थित रानीखेत भारत के सबसे खूबसूरत हिल स्टेशनों में से एक है और इसी कारण यहां अक्सर फिल्मों की शूटिंग भी होती रहती है। गर्मियों के मौसम में रानीखेत घूमना एक अलग अनुभव होता है। जिन लोगों को एडवेंचर पसंद है उनके लिए रानीखेत बहुत मजेदार टूरिस्ट प्लेस है। यहां की कुमांऊ पहाड़ियों में पैराग्लाइडिंग जैसे स्पोर्ट्स भी होते हैं जो पर्यटकों के लिए मुख्य आकर्षण का केंद्र होते हैं। इसके अलावा यहां की खूबसूरत वादियां लोगों का दिल जीत लेती हैं। कुमांऊ के राजा सुखदेव की पत्नी पद्मावती ने रानीखेत की खूबसूरती के कारण ही यहां रहने का मन बना लिया था और इसी कारण यहां का नाम रानीखेत पड़ा।

7. नागिनी, कुल्लू – हिमालय में कुल्लू कि तीर्थन नदी के तट पर बसे नगिनी का नजारा काफी मन भावक है। नगिनी गर्मियों में घूमने लायक सबसे बेहतरीन जगहों में से एक है। यहां के हरे भरे खूबसूरत पहाड़ और प्राकृतिक नजारे काफी मनभावक होते हैं। यहां के पहाड़ों पर कई तरह की दुर्लभ जड़ी बूटियां भी पाई जाती हैं। ट्रेकिंग करने के लिए भी यह जगह काफी मजेदार है। एडवेंचर के शौकीन लोगों के लिए यह जगह काफी खास है क्योंकि यहां ट्रैकिंग और कई तरह के एडवेंचर स्पोर्ट्स होते हैं। नगिनी से 40 किलोमीटर की दूरी पर करीब 10600 फीट की ऊंचाई पर सेलुवाल्यर डील भी है जहां से दिखने वाले प्राकृतिक नजारे कभी ना भूलने वाला दृश्य है। इसी के ऊपर गुसैनी के उपवन में राजू का कॉटेज है जहां सिर्फ खटोले से ही जाया जा सकता है, यह अनुभव भी काफी मजेदार होता है। यहां मछली पकड़ने के शौकीन लोगों के लिए तालाब के साथ रोड व रील भी उपलब्ध कराई जाती है।

8. घूम, दार्जिलिंग – घूम दार्जिलिंग से करीब 6 किलोमीटर की दूरी पर है जहां की खूबसूरत वादियां और प्राकृतिक नजारे काफी मन भावक है। घूम दार्जिलिंग में काफी ऊंचाई पर स्थित है जहां टॉय ट्रेन के जरिए ही घूमा जा सकता है। घूम दार्जिलिंग का ऐसा जंक्शन है जहां से कई अलग अलग जगहों के लिए रास्ते निकलते हैं जिनमे सोनादा, तुंग और कुर्सियोंग शहरों के रास्ते शामिल हैं। टाइगर हिल्स भी घूम में ही स्थित है जहां से सन राइज का नजारा देखने लायक होता है। इसके अलावा कंचनजंगा की ऊंची ऊंची चोटियों के नजारे और यहाँ के रंग बदलते नज़ारे भी काफी आकर्षक होते हैं। इन सब के अलावा यहाँ वाइल्ड लाइफ सेंक्चुअरी सेंचल झील भी स्थित है जहाँ कई अलग अलग पक्षियों को देखना काफी अनुभव भरा होता है।

9. नैनीताल – नैनीताल को झीलों की नगरी भी कहा जाता है और इसी कारण यह भारत के सबसे बेहतरीन टूरिस्ट प्लेसिस में से एक है। भारत के उत्तराखंड में स्थित नैनीताल एक काफी खूबसूरत शहर है जो शिवालिक पर्वतश्रेणी में स्थित है। यहां के खूबसूरत पहाड़ और नदियां दूर-दूर से पर्यटकों को अपनी ओर खींच लाती हैं। यहां का मौसम ऐसा है कि गर्मियों में घूमने के लिहाज से काफी ठंडा है और इसी कारण गर्मियों में यहां घूमना काफी सुकून भरा होता है।

10. कुर्ग, कर्नाटक – पश्चिमी घाटों में स्थित कुर्ग का नजारा काफी मनोरम होता है। यहां चाय, कॉफी और मसालों के बड़े-बड़े के बागान और पेड़ देखने लायक होते हैं। यहां के खूबसूरत नजारे और खुशनुमा मौसम के कारण इसे भारत का स्कॉटलैंड भी बोला जाता है। यहाँ कॉफी और मसालों की भारी मात्रा में खेती होती है। कुर्ग के खूबसूरत नजारों में मंडालपत्ती, तिब्बती मठ, कावेरी नदी, इरूपू फॉल, इगुथापा मंदिर, ओमकारेश्वर मंदिर, मरकारा डाउन गोल्फ क्लब, ब्रह्मागिरी पहाड़ी और नाल्कनद महल इत्यादि मुख्य टूरिस्ट प्लेस है जो पर्यटकों के लिए मुख्य आकर्षण का केंद्र होते हैं।

11. डलहौजी

12. लेह

13. माउंट आबू

14. धर्मशाला

Friday 13 April 2018

Allahabad at sangam


  

 

Shauripur jain mandir bateshwar agra

Shauripur Jain mandir  :एक भूली हुई विरासत सॉरी पुर जैन मंदिर एक अंजाना सा नाम है सॉरी पुर उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में एक प्रसिद्ध तीर्थ भगवान बटेश्वर नाथ मंदिर से 3 किलोमीटर अंदर जंगल में बना हुआ है। सॉरी पुर जैन मंदिर जंगली क्षेत्र के अंदर होने की वजह से वहां लोग कम ही जाते हैं सुना था कि वहां नंगे बाबा रहते हैं लेकिन लेकिन यह सुनी हुई बात एक अबूझ पहेली ही है क्योंकि वहां जैनी साधु रहते हैं। इस बार बटेश्वर मंदिर जाने के साथ ही समय मिलने पर सॉरी पुर मंदिर जाना हुआ वहां मंदिर में पूजा की लेकिन एक वहां पर बहुत ही अजीब चीज देखी वह थी वहां मंदिर में लगी पत्थर की शिला जिस पर मंदिर का इतिहास लिखा था यह मंदिर जैनियों के गुरु भगवान नेमिनाथ का मंदिर है और उससे लाभ पर नेमिनाथ जी का इतिहास वर्ड था उस पर एक ऐतिहासिक बात लिखी हुई थी कि नेमिनाथ भगवान श्री कृष्ण के चचेरे भाई थे और सॉरी पुर नेमिनाथ का जन्म स्थान है लेकिन अब यहां सिर्फ जंगल और घटिया है। सॉरी पुर जैन मंदिर जैन धर्म का एक तीर्थ स्थल है और दिगंबर जैन यहां पूरे देश से बड़ी संख्या में आते हैं सॉरी पुर बटेश्वर से 3 किलोमीटर दूर है और यह अंदर जंगल में जाकर है बटेश्वर में भगवान शिव के 101 मंदिर हैं यहां यमुना की धारा को इन मंदिरों की दीवार से मोड़ कर उसकी जल धारा की दिशा बदल दी गई है बटेश्वर स्थानीय हिंदुओं का बहुत पवित्र तीर्थ है वहीं सॉरी पुर जैन मंदिर भगवान नेमिनाथ की जन्म स्थली है यहां पर किसी समय एक बहुत बड़ा शहर था जो उनके पूर्वज राजा शूरसेन ने बताया था अब यहां सिर्फ जंगल ही जंगल है सॉरी पुर कि यह आज की स्थिति इस ओर इंगित करती है कि यहां एक बहुत ही उन्नत और बड़ी सभ्यता के अवशेष मौजूद हैं सॉरी पुर के आसपास फैले जंगल व यत्र-तत्र जंगल में बनी दीवारें देखने से पता चलता है कि यह सभ्यता बहुत ही विकसित थी और इस क्षेत्र या नगर का फैलाव एक बहुत बड़े क्षेत्र में था बटेश्वर मंदिर कहां पर है ऐसा प्रतीत होता है कि यह शहर का उत्तरी किनारा रहा होगा क्योंकि बटेश्वर के मंदिर जहां बने हैं उससे ऐसा लगता है कि यह एक बहुत बड़ी दीवार है जहां इन मंदिरों के सहारे यमुना की जलधारा मोड़ी गई है और यमुना नगर के तीन ओर से चक्कर लगाती हुई निकली है ऐसा माना जाता है कि बटेश्वर के मंदिर यहां के स्थानीय राजपरिवार ने बनवाए हैं लेकिन वैज्ञानिक रूप से विचार करने पर पता लगता है कि इस तरह की दीवारें प्राचीन सभ्यताओं जैसे हड़प्पा मोहनजोदड़ो आदि के किनारे भी हैं यह सभी सभ्यताएं नदियों के किनारे थी और नदियों का जल शहर में प्रवेश कर पाए इसलिए यह दीवारें बाढ़ की रोकथाम के लिए बनाई जाती थी दीवारों के किनारे बने घाट नहाने-धोने जानवरों को पानी पिलाने व शहर में पानी की सप्लाई का प्रबंध करने के काम आते थे हड़प्पा मोहनजोदड़ो चन्नू दलों की तरह ही यह नगर भी नदी किनारे यानी यमुना के किनारे बसा हुआ है इस पूरे क्षेत्र कि अगर खुदाई करवाई जाए तो एक बहुत बड़ी ऐतिहासिक सभ्यता के बारे में पता चल सकता है साथ ही भगवान श्री कृष्ण के जन्म का समय तथा महाभारत के समय का सटीक अनुमान लगाया जा सकता है यह जगह पुराने समय में उपयोग होने वाली तकनीकों के बारे में रोचक जानकारी उपलब्ध करा सकती है। सॉरी पुर नगर 13 और यमुना नदी है जो कि एक मंदिरों की बड़ी दीवार लगाकर यमुना का रास्ता बदल कर किया गया है यानी कि नदी का एक बहुत बड़ा किनारा मानव निर्मित है और ऐसा भी कह सकते हैं कि नदी पर बनाया गया यह उस समय का बहुत बड़ा बांध भी हो सकता है और यहां भगवान शिव की पूजा होती है साथ ही ऐसा भी हो सकता है कि यह नगर व्यापार का बहुत बड़ा केंद्र रहा हो और किस बंदरगाह पर बड़े-बड़े जहाज आकर रुकते होंगे इन जहाजों के माध्यम से यहां से सामान आस-पास के अन्य नगरों को भेजा जाता होगा या फिर दूसरे देशों को यमुना नदी के माध्यम से व्यापार होता होगा जिससे इस क्षेत्र में समृद्धि अधिक रही होगी। बटेश्वर और सॉरी पुर से थोड़ी दूर या कुछ किलोमीटर के बाद वाला इलाका बहुत उपजाऊ जमीन है इस पूरे इलाके को दोआब का हिस्सा माना जाता है इस क्षेत्र में तब भी फसल होती होगी और उसके अधिशेष व्यापार के माध्यम से निर्यात किया जाता था साथ ही यहां पर क्रय विक्रय के लिए मेला आग लगते होंगे क्योंकि बटेश्वर में पशुओं का मेला आज भी लगता है और कोई भी नहीं जानता कि यह मेला कब से लगता चला आ रहा है इस शहर का फैलाव काफी बड़े क्षेत्रफल में प्रतीत होता है क्योंकि सॉरी पुर से थोड़ी दूर पर रोपड़ में आज भी बड़ी-बड़ी दीवारें यत्र-तत्र खड़ी मिलती हैंwww.google.com

Wednesday 11 April 2018

Raipur to jagdalpur by road


Route map

1. Raipur

2. Abhanpur

3. Dhamteri

4. charama 

5.  Kanker 

6. Keshkalghati

7. Keshkal market

7. Faras gaon

8. Konda gaon

9. Jagdalpur



रायपुर से जगदलपुर आज आने का मौका मिला हमें रात को ही पता लग गया था कि कल सुबह गाड़ी से बाय रोड जाना है सुबह हम लोग जल्दी उठकर तैयार हुए अपना सामान गाड़ी में रखा और सभी लोग गाड़ी में सवार हो गया वैसे तो हम और रोड से कभी भी जगदलपुर जाते नहीं हैं और अगर कभी जाना भी पड़े तो बस से ही आना जाना होता है अपनी गाड़ी से कभी भी नहीं गए लेकिन इस बार जब गाड़ी से जगदलपुर गए तो यह एक बहुत ही अच्छी ट्रिप थी



रायपुर से जगदलपुर दक्षिण दिशा में है और हम लोग रायपुर एयरपोर्ट से निकल कर माना मोड़ से हाईवे पकड़ लिए गाड़ी Tata xenon गाड़ी एकदम नई थी  चलने का मजा ही अलग था रायपुर से जगदलपुर के रूट पर जैसे ही आप आगे बढ़ते हैं तो सबसे पहला शहर पड़ता है अभनपुर

अभनपुर रायपुर से थोड़ी ही दूर पर है  एक छोटा सा कस्बा है सुबह सुबह का समय था हम सुबह 8:00 बजे रायपुर से निकले थे तो अभनपुर तक पहुंचते-पहुंचते मार्केट खुला नहीं था लेकिन चूंकि रायपुर से और जगदलपुर जाने के बीच में पूरा माओवादी इलाका माना जाता है वैसे यह इलाका सुरक्षित है फिर भी एक मन में डर हमेशा लगा रहता है किस इलाके में माओवादियों का गढ़ है उस हिसाब से मैंने हर चीज की तैयारी कर रखी थी कि हम रोड से पहली बार जा रहे हैं तो इस इलाके में जो भी महत्वपूर्ण पॉइंट्स हैं उनको नोट करते जाएं जिससे यह ब्लॉग बनाने में आसानी रहे और लोगों को इसकी जानकारी मिले

अभनपुर के बाद अगला कस्बा पड़ता है धमतरी जब भी आप रायपुर में या कहीं भी छत्तीसगढ़ में होंगे तो धमतरी का नाम आपको सुनने को मिल ही जाएगा इसको मैं कई दोस्तों के मुंह से सुना था यह एक बड़ा सा शहर है रायपुर से तो बहुत छोटा है लेकिन छत्तीसगढ़ के सबसे ठीक-ठाक शहर है यहां हमने ब्रेकफास्ट के लिए प्लान किया लेकिन पूरा शहर में गाड़ी घूम गई उसके लिए कोई होटल नहीं दिखा उसके बाद हम थोड़ा सा आगे चलते गए तब बीच मार्केट में एक हिंदू होटल दिखा लेकिन वह दूसरी साइड पर था इस वजह से हमने उस पर खाना नहीं खाया क्या उधर गाड़ी मोड़ पर लगानी पड़ती फिर हम और आगे बढ़ते गए कब तक भूख लगने लगी थी आगे एक छोटा सा धागा मिला लेकिन वह भी खाने को कुछ नहीं मिला फिर शहर से 5 किलोमीटर बाहर निकलने पर हमें ढाबा दिखा जाने गाड़ियों की गाड़ी रोकने पर सभी लोगों ने मिलकर फास्ट किया और हम लोग आधे घंटे बाद चलना शुरू किया यहां तक तो आपको पूरा शहर इलाका ही दिखेगा रायपुर से धमतरी तक के इलाके में आपको कहीं भी गांव का माहौल नहीं दिखेगा पूरा शहर है और कहीं भी जंगल झाड़ टाइप स्थिति मालूम नहीं पड़ेगी जिसके बारे में अक्सर कर छत्तीसगढ़ जाना जाता है और धमतरी एक काफी अच्छा कस्बा है जिसने आपको जरूरत का लगभग हर सामान मिल जाएगा वैसे तो छत्तीसगढ़ में रायपुर ही सबसे बड़ा शहर है उसके बाद जगदलपुर का नंबर आता है बाकी सब छोटे छोटे हैं


धमतरी शहर से जैसे ही हम आगे निकले हम एक ही हाईवे पर चले जा रहे थे रायपुर से और जगदलपुर तक एक सीधा हाईवे है जिसको अगर कहीं मुड़ना भी है तो साइन बोर्ड लगे हुए हैं जिससे आपको पता लग जाता है कि जगदलपुर जाने के लिए किस दिशा में आगे बढ़ता है और यहां तक रोड भी बहुत अच्छी है रोड की हालत देखकर आपको पता लगेगा कि सरकार ने वास्तव में यहां बहुत अच्छा काम किया है इतने पिछड़े इलाके में ऐसी रोड मिलना एक अपने आप में गर्व की बात है

लेकिन धमतरी से आप जैसे ही आगे बढ़ते हैं वैसे ही रोड पर भीड़ भाड़ कम होनी शुरू हो जाती है और आपको वाहन कब मिलने शुरू हो जाते हैं यहां से जंगल शुरू हो जाता है हाईवे के दोनों तरफ लंबे-लंबे पेड़ दिखाई देंगे जिनके मैंने कुछ फोटो लिए जो इसी ब्लॉक में नीचे पड़े हुए हैं और यह जंगल की स्थिति लगातार चलती रहती है बीच-बीच में कहीं-कहीं थोड़ी सी बस्ती मिलेगी लेकिन आपको कहीं भी डर नहीं लगेगा और साथ ही हाइवे पर आपको हर जगह कुछ न कुछ काम चलता हुआ मिल जाएगा या कुछ ना कुछ लोग मिल जाएंगे मतलब थोड़े-थोड़े लोग सभी जगह रहते हैं